हेडफोन तो आप सभी इस्तेमाल करते होंगे। लेकिन क्या आप जल्दबाजी में कोई भी हेडफोन खरीद लेते हैं। ऐसा करने से आप अपने पैसों की बर्बादी तो करेंगे ही करेंगे साथ में अपने कानों को भी नुकसान पहुंचाएंगे। लेकिन यदि आप हेडफोन खरीदने के लिए चाहें ऑनलाइन जाएँ या ऑफलाइन स्टोर से खरीदें, आपके पास हेडफोंस के हजारों चॉइस उपलब्ध होते हैं। ऐसे में आपको यह डिसाइड करना मुश्किल हो सकता है कि आपके लिए कौन सा हेडफोन सही रहेगा।
इस गाइड में हम आपको यही जानकारी देने वाले हैं की एक हेडफोन खरीदने से पहले किन बातों का ध्यान रखें। इसके अलावा एक हेडफोन के टेक्निकल स्पेसिफिकेशंस को कैसे समझा जाए, यह भी हम आपको बताएंगे।
बाजार में अलग-अलग टाइप के हेडफोन्स उपलब्ध हैं
हेडफोंस आपको ज्यादातर तीन प्रकारों में ही मिलेंगे।
इन ईयर हेडफोन्स: जिसे आपको अपने कान के अंदर ईयर कनाल में लगाना होता है। इन ईयर हेडफोंस में आपको ज्यादातर छोटे स्पीकर देखने को मिलेंगे। रोज़मर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल करने के लिए यह हैडफ़ोन सबसे बेस्ट होते हैं
ऑन ईयर हेडफोन्स: ओंन ईयर हेडफोन में स्पीकर आपके कान के ऊपर लगा होता है। परंतु यह आपके कान को पूरी तरह से नहीं ढकता है। ऐसे हेडफोन में आपको मध्यम आकार के स्पीकर देखने को मिलेंगे।
ओवर द ईयर हेडफोन्स: इस हेडफोन में स्पीकर आपके कान को पूरी तरह से ढक लेते हैं। एक ओवर द ईयर हेडफोन में साउंड क्वालिटी और नॉइस आइसोलेशन और कैंसलेशन भी अच्छा मिलता है। लेकिन ऐसे हैडफ़ोन ज्यादातर केबल या वायर के साथ आते हैं। वायरलेस वैरिएंट आपको मिल तो जायेगा लेकिन उनमे बैटरी कंजप्शन भी हाई रहती है।
हेडफोन खरीदने से पहले इस बात का भी ध्यान रखें कि आप उसका इस्तेमाल कहां करने वाले हैं।यदि आप अपना ज्यादातर समय ट्रैवलिंग करते बिताते हैं तो आपके लिए इन ईयर हेडफोन ज्यादा बेहतर रहेगा। वायरलेस हैडफ़ोन भी आपके लिए एक अच्छा चॉइस हो सकता है।
वायरलेस या वायर्ड हेडफोन खरीदें?
आजकल वैसे वायरलेस हेडफोन का जमाना है परंतु वायरलेस हेडफोन बैटरी पर चलता है और यदि आप इसे चार्ज करना भूल जाएँ तो इसका इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। वायरलेस हेडफोन में आपको यह भी ध्यान रखना होता है कि आप घर से निकलने से पहले अपने हेडफोन को पूरी तरह से चार्ज करके निकले हैं।
इसके अलावा वायरलेस हेडफोन ब्लूटूथ से चलता है जिसमें आपके फोन के ब्लूटूथ को भी चालू रखना होता है ऐसे में आपके फोन की बैटरी जल्दी खत्म होती है। वायरलेस हेडफोन का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि उसमें तार उलझने का या टूटने का झंझट नहीं होता है आप उसे बड़ी आसानी से अपने गले में पहन सकते हैं। इसके कहीं भूल जाने या खो जाने का डर भी नहीं होता है।
इसके अलावा आपको एक वायरलेस हेडफोन खरीदने से पहले उसकी चार्जिंग स्पीड पर भी ध्यान देना होता है। फास्ट चार्जिंग वाले वायरलेस हेडफोन 10 मिनट में भी चार्ज हो जाते हैं और आप उसको 5 घंटे तक इस्तेमाल कर सकते हैं। फुल चार्ज पर ज्यादातर वायरलेस हेडफोन 10 से 12 घंटे तक का प्लेबैक टाइम देते हैं।
लेकिन वायरलेस हेडफोन में आपको साउंड क्वालिटी एक वायर्ड हेडफोन के मुकाबले थोड़ी कम मिलती है। गेमिंग करने के लिए भी वायर्ड हेडफोन सबसे बेहतर होते हैं क्योंकि इनमें साउंड लैग की समस्या नहीं होती। साउंड लैग तब होता है जब आपके कानों तक आवाज़ देर से पहुंचे। यह समस्या अक्सर वायरलेस हेडफोन में देखने को मिलती है।
लेकिन एक वायर्ड हैडफ़ोन में केबल कनेक्शन होता है जिसके कारण आपको इस समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है परन्तु एक वायर्ड हैडफ़ोन का इस्तेमाल एक जगह पर बैठकर करना होता है जिसमें आपको थोड़ी असुविधा भी हो सकती है क्योंकि कहीं जाने से पहले आपको हेडफोन निकाल कर जाना होता है।
वहीं यदि आप वायरलेस ऐयर पौडस या ईयर बड्स का इस्तेमाल करते हैं तो उनके खोने की संभावना भी ज्यादा होती है। और उनको चार्ज करने के लिए उसका केस भी साथ में रखना होता है। उस केस को भी आपको समय समय पर अलग से चार्ज करना होता है।
वायरलेस हेडफोन में बैटरी लाइफ की समस्या
वायरलेस हेडफोन ब्लूटूथ पर चलते हैं और उनमें आवाज उत्पन्न करने के लिए भी बैटरी की आवश्यकता होती है। यदि आप जल्दबाजी में हेडफोन तो खरीद लेते हैं लेकिन उसकी बैटरी लाइफ के बारे में जानकारी सही से नहीं देखते हैं तो आगे चलकर वही हेडफोन बहुत जल्दी खराब हो सकता है।
वायरलेस हेडफोन खरीदने के बाद शुरुआती दिनों में उसकी बैटरी लाइफ और चार्जिंग टाइम को अच्छे से देख और परख लें और यदि उसमें कोई कमी या खराबी निकलती है तो उसे वारंटी अवधि के दौरान हीं बदल लें।
एक वायरलेस हेडफोन की सबसे बड़ी समस्या होती है उसकी बैटरी और यदि उसकी बैटरी खराब हो जाए तो उसे बदल पाना आसान नहीं होता है और आपका हेडफोन पूरी तरीके से खराब हो जाता है। वायरलेस हेडफोन खरीदने से पहले इस बात का ध्यान भी जरूर रखें।
नॉइस कैंसलेशन / आइसोलेटिंग हेडफोन
नॉइस आइसोलेटिंग हेडफोन में बाहर से आने वाली आवाज को आपके कानों तक पहुंचने से रोका जाता है। ऐसा करने से आपको अपने हेडफोन से आने वाली आवाज ज्यादा बेहतर सुनाई देती है और बाहर से होने वाली आवाज से आपको कोई दिक्कत नहीं होती है। एक हेडफोन में नॉइज़ कैंसिलेशन दो प्रकार का होता है। पहला प्रकार पैसिव नॉइस कैंसिलेशन कहलाता है
पैसिव नॉइज़ कैंसिलेशन: पैसिव नॉइस कैंसिलेशन में आपके हेडफोन में बाहर से आने वाली आवाज को रोकने के लिए कोई खास तकनीक का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। बाजार में मिलने वाले लगभग हर हेडफोन में पैसिव नॉइस कैंसिलेशन का ही इस्तेमाल किया जाता है। यदि आपको सही नॉइस कैंसिलेशन वाले हेडफोंस खरीदने हैं तो आपको एक्टिव नॉइस कैंसलेशन वाले हेडफोन खरीदने पड़ेंगे।
एक्टिव नॉइस कैंसिलेशन: एक्टिव नॉइज़ कैंसिलेशन वाले हेडफोन में बाहर से आने वाली आवाज को रोकने के लिए अलग तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे हेडफोन में आपके इर्द-गिर्द होने वाली आवाज को आपके हैडफ़ोन में लगे माइक द्वारा सुना जाता है। और फिर उस आवाज़ को काउंटर या कैंसिल करने के लिए आपके हेडफोन के स्पीकर में विपरीत दिशा में आवाज उत्पन्न की जाती है जो बाहर से आने वाली आवाज को कैंसिल कर देती है। इससे आपको आपके कंप्यूटर से आने वाली आवाज ज्यादा बेहतर सुनाई देती है। लेकिन ऐसे हेडफोन्स के लिए आपको कीमत भी ज्यादा चुकानी पड़ती है।
हेडफोन के स्पेसिफिकेशन को कैसे समझें
हेडफोन के स्पेसिफिकेशन को समझने के लिए पहले आपको कुछ टेक्निकल टर्म्स को समझना होगा। इनमे से कुछ प्रमुख टर्म्स हैं Frequency response, Impedance, Sensitivity, Drivers इत्यादि।
Frequency response: यदि किसी फोन का फ्रिकवेंसी रिस्पांस ज्यादा होगा तो वह हाई फ्रीक्वेंसी यानि तीखी आवाज़ और लो फ्रिकवेंसी यानि मोटी आवाज़ दोनों तरह के साउंड को बेहतर प्रोड्यूस कर सकेगा। फ्रिकवेंसी रिस्पांस को एक हेडफोन के स्पेसिफिकेशंस सीट में एक रेंज के रूप में दिखाया जाता है। यह 20 Hz से लेकर 22000 Hz की रेंज में देखने को मिलता है।
Impedance: एक हेडफोन का इंपेडेंस 8 से लेकर 600 Ohms के बीच में हो सकता है । आपके मोबाइल या कंप्यूटर में ज्यादातर कम इंपेडेंस के हेडफोन इस्तेमाल होते हैं। ऐसे छोटे हेडफोंस का इंपेडेंस ज्यादातर 20 Ohms से 30 Ohms के बीच होता है। हाई इम्पीडेन्स वाले हैडफ़ोन में अलग से एम्पलीफायर की भी जरूरत होती है जो कुछ बड़े हेडफोन्स में लगा भी होता है।
Sensitivity: यदि हेडफोन का सेंसिटिविटी ज्यादा होगा तो आप उसे ऊंचे वॉल्यूम पर ज्यादा बेहतर सुन पाएंगे। आपके फोन में इस्तेमाल होने वाले हेडफोन में लगभग 110 dB/mW की सेंसिटिविटी रेटिंग देखने को मिलेगी। यदि आप ज्यादा ऊंचे वॉल्यूम पर म्यूजिक सुनना पसंद करते हैं तो आप ज्यादा सेंसिटिविटी वाले हेडफोन को खरीद सकते हैं।
Drivers: ड्राइवर आपके हेड फोन में लगे मैग्नेट की साइज को बताता है। यदि ड्राइवर का आकार बड़ा होगा तो उस से आवाज़ का बास ज्यादा बेहतर मिलता है। यह साइज आपको मिलीमीटर या सेंटीमीटर में बताया जाता है।
इन बातों का ध्यान भी जरूर रखें
यदि आप वायर्ड हेडफोन खरीद रहे हैं तो उसके वायर क्वालिटी और केबल की क्वालिटी पर भी जरूर ध्यान दें। वायर्ड हेडफोन का सबसे नाजुक हिस्सा उसका वायर या केबल हीं होता है। यदि यह केबल खराब हो जाए तो आपका हेडफोन पूरी तरीके से बर्बाद हो जाता है।
यदि ओवर द ईयर हेडफोन खरीद रहे हैं तो यह चेक कर लें की उसकी ईयर पैड में लगा पदार्थ कैसी क्वालिटी का है। सस्ते मिलने वाले ज्यादातर हेडफोन्स के पैड चीप प्लास्टिक मटेरियल से बने होते हैं, जिस से वह भविष्य में आपके हेडफ़ोन से अलग भी हो सकता है।
यह भी देख लें की आपका हेडफोन वाटरप्रूफ है या नहीं, क्योंकि बरसात में भीगने पर या पानी में गिरने पर भी आपका हेडफोन खराब हो सकता है।