Internet Science

क्या एवेरेस्ट सबसे ऊँचा पहाड़ नहीं है? क्यों कुछ लोग इसे दुनिया का सबसे ऊँचा पहाड़ नहीं मानते, आइये जानें

स्कूल की किताबों में, इनसाइक्लोपीडिया में और इंटरनेट पर अभी तक आपने यही पढ़ा या देखा होगा की एवेरेस्ट दुनिया का सबसे ऊँचा पहाड़ है। एवेरेस्ट की समुद्र तल से शिखर तक की ऊंचाई की बात करें तो यह लगभग 8848 मीटर लम्बा है। 

शायद यही कारन है की इस पर चढ़ने के लिए पर्वत आरोहिओं की भीड़ लगी रहती है और आपको महीनों तक वेटलिस्ट में इंतज़ार करना पड़ता है। अब तक की बात करें तो लगभग 330 पर्वतारोही इस पहाड़ पर चढ़ने की कोशिश में अपनी जान गँवा बैठे हैं। इसमें से 200 लोगों के मृत शरीर आज तक या तो मिले नहीं हैं या पर्वत पर अभी तक जमे पड़े हैं।

एवेरेस्ट पर चढ़ने का जूनून शायद इसलिए है क्योंकि इसे दुनिया की सबसे ऊँचे पर्वत का ख़िताब हासिल है। 1852 में ढूंढे जाने के बाद इसे लगभग पुरे 100 साल बाद 29 May, 1953 को सवेरे साढ़े ग्यारह बजे, एडमंड हीलरी और तेंजिन नोर्गे द्वारा पहली बार फतह किया गया था। तब से लेकर आज तक  लगभग 6800 लोग इस पहाड़ की चोटी पर चढ़ चुके हैं।

लेकिन कुछ लोग एवेरेस्ट की चढाई को बाकि पहाड़ों पर चढ़ने के मुकाबले काफी आसान बताते हैं और कुछ तो सरा सर इसे दुनिया का सबसे ऊँचा पहाड़ मानने से भी इंकार कर देते हैं।

क्या सच में एवेरेस्ट दुनिया की सबसे ऊँची चोटी है 

एवेरेस्ट बेस कैंप समुद्र तल से 5364 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। एवेरेस्ट की चढ़ाई यही से सुरु होती है।

इस सवाल का जवाब काफी बातों पर निर्भर करता है। सबसे पहले आपको यह ध्यान में रखना होगा की पहाड़ की लम्बाई उसके समुद्र की ऊपरी सतह से ऊपर की ऊंचाई से नापी जाती है। एवेरेस्ट को यदि इसी पैमाने पर नापा जाए तो यह बेशर्त दुनिया का सबसे ऊँचा पहाड़ कहलायेगा।

लेकिन यदि आप एवेरेस्ट की ऊंचाई उस जगह से पकड़ें जिस जगह वह स्थित है, यानि उसके बेस कैंप की बात करें तो वह पहले हीं एक ऊँचे स्थान पर मौजूद है। एवेरेस्ट के बेस कैंप की बात करें तो वो खुद समुद्र की सतह से 5364 मीटर की ऊंचाई पर मौजूद है। यानि एवेरेस्ट अपने बेस कैंप से केवल 3484 मीटर ऊँचा है। यानि एवेरेस्ट को समुद्र की सतह के बराबर पर रख दिया जाए तो यह ऊंचाई में बाकि पहाड़ों के आस पास भी नहीं ठहरता। 

यदि बेस यानि एक पहाड़ की जड़ से लेकर इसके समिट यानि शिखर तक के ऊंचाई को पकड़ा जाए तो एवेरेस्ट दुनिया के मध्यम हाइट वाले पहाड़ों को भी टक्कर नहीं दे पायेगा। यदि हम किसी पहाड़ के जड़ से लेकर उसके सिखर तक की ऊंचाई की बात करें तो एक ऐसा पहाड़ भी है जिसके सामने एवेरेस्ट भी बौना लगेगा। आइये आपको उस पहाड़ के बारे में बताते हैं। 

क्या हवाई का मौना किआ दुनिया का सबसे ऊँचा पहाड़ है

यदि हम ऊपर बताये पैमाने की बात करें यानि जड़ से लेकर सिखर तक के ऊंचाई की बात करें तो इस पहाड़ जितना लम्बा और कोई पहाड़ इस दुनिया में नहीं है। यह पहाड़ हवाई में मौजूद है।

हवाई एक द्वीपों यानि टापुओं की श्रृंखला है जो उत्तरी प्रशांत महासागर में मौजूद है और यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ़ अमेरिका के कंट्रोल यानि अधिकार में आती है। इस पहाड़ों की श्रृंखला में जो सबसे ऊँचा पहाड़ है हम उसी की बात कर रहें हैं। 

उसे हवाई के लोग मौना किआ बुलाते हैं और उसे पवित्र भी मानते हैं। इस पहाड़ का ज्यादातर हिस्सा यानि इसका जड़ समुद्र के तल यानि समुद्र सतह के नीचे पानी के अंदर मौजूद है। यदि उस जगह से इसकी ऊंचाई मापी जाये तो यह माउंट एवेरेस्ट के पूरी ऊंचाई को भी पीछे छोड़ देता है। 

मौन कीआ की कुल ऊंचाई लगभग 10,200 मीटर है जो माउंट एवेरेस्ट के ऊंचाई से भी 1352 मीटर ज्यादा है। लेकिन इस पहाड़ का आधा हिस्सा हीं आपको समुद्र के ऊपर नजर आएगा और बाकि हिस्सा पानी के नीचे समुद्र में छुपा है। और तो और यह के वॉलकैनिक यानि ज्वालामुखी पहाड़ है जो आखरी बार 4500 साल पहले फटा था और आज भी इसमें कभी कभार थोड़ी बहोत हरकत होती रहती है। 

क्या इन दोनों से ऊँचा भी कोई पहाड़ धरती पर मौजूद है

दक्षिण अमेरिका के एंडीज माउंटेन रेंज में स्थित चिम्बोराजो पहाड़ , Credit : Eduardo Navas

यदि हम एक पहाड़ की ऊंचाई मापने के इस तीसरे पैमाने की बात करें तो एक पहाड़ इन दोनों पहाड़ो से भी लम्बा शाबित होगा। हम बात कर रहें हैं चिम्बोराजो की जो इक्वेडोर देश के एंडीज माउंटेन श्रृंखला में मौजूद है। इक्वेडोर साउथ अमेरिका महाद्वीप में स्थिह है।

चिम्बोराजो की बात करें तो ये पहाड़ इक्वेटर यानि भूमध्य रेखा के सबसे करीब मौजूद है और यदि आप नहीं जानते तो आपको बता दें की धरती इक्वेटर के आस पास थोड़ी बाहर की तरफ निकली हुई है। ऐसा धरती के अपनी धुरी पर घूमने के कारन होता है। 

यही कारन होता है की धरती के इक्वेटर की सतह पर मौजूद चीज़ें धरती के सेंटर यानि, बीच से सबसे अधिक दूरी पर होती हैं। चिम्बोराजो पहाड़ इक्वेटर के सबसे नजदीक होने के कारण धरती के सेंटर से तो दूर है हीं यह अंतरिक्ष में भी सबसे ज्यादा बाहर की और निकला हुआ है। 6263 मीटर की हाइट होने के बावजूद यह माउंट एवेरेस्ट की ऊंचाई से भी ज्यादा दूरी तक धरती की सतह से बाहर निकला हुआ है। 

इस आधार पर देखा जाए तो यह स्पेस यानि अंतरिक्ष के सबसे करीब और धरती का सबसे ऊँचा पहाड़ बन जाता है। 

तो जैसा की आपने देखा की सबसे ऊँचे पहाड़ की बात करें तो पैमाना या नियम बदल देने पर सबसे ऊँचा पहाड़ भी बदल जाता है। माउंट एवेरेस्ट समुद्र तल से सबसे ऊँचा है तो मौना कीया अपने खुद के तल से सबसे ऊँचा है और चिम्बोराजो धरती के सबसे ज्यादा बाहर तक निकला हुआ पहाड़ है माउंट एवेरेस्ट से भी ज्यादा।