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क्या माइक्रोवेव ओवन में बना खाना सेहत के लिए खतरनाक होता है

is food cooked in a microwave oven safe to eat.

माइक्रोवेव का आविष्कार पश्चिमी देशों में हुआ लेकिन अब भारत जैसे देशों में भी इसकी लोकप्रियता काफी बढ़ रही है। माइक्रोवेव में खाना बहोत जल्दी और आसानी से गरम हो जाता है और खाना गरम करते समय आपको खाने को घूमाना या हिलाना नहीं पड़ता है। क्योंकि माइक्रोवेव से निकलने वाली तरंगे खाने के भीतर तक घुसकर उसे गर्म करती हैं। 

लेकिन माइक्रोवेव ओवन से संबंधित कुछ भ्रांतियां भी फैली हैं जिनको जानने के बाद हो सकता है कि आप माइक्रोवेव ओवन खरीदना ना चाहें। क्या सच में माइक्रोवेव में बने खाने को खाकर आप बीमार पड़ सकते हैं। क्या माइक्रोवेव में बना खाना खाकर आपके शरीर में बीमारियां लगने की संभावना बढ़ जाती है। आज इस आर्टिकल में हम आपको विस्तार से बताएंगे कि इन भ्रांतियों में कितनी सच्चाई है।

माइक्रोवेव खाना गर्म कैसे करता है

जैसे धूप में मौजूद इंफ्रारेड रेडिएशन आपके शरीर को गर्म करती है वैसे ही माइक्रोवेव एक प्रकार का रेडिएशन होता है जिसका इस्तेमाल आपके खाने को गर्म करने के लिए किया जाता है। प्रकाश यानी रेडिएशन के अलग-अलग प्रकार होते हैं। हमारे सूर्य से निकलने वाली रोशनी में आपको हर वेवलेंथ की रेडिएशन देखने को मिल जाएगी। 

आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है कि सूर्य के प्रकाश में भी थोड़ा बहुत माइक्रोवेव रेडिएशन मौजूद होता है। आपका स्मार्टफोन, सेल फोन टावर से कनेक्ट होने के लिए भी माइक्रोवेव का इस्तेमाल करता है।

माइक्रोवेव ओवन में रेडिएशन पैदा करने के लिए एक मैग्नेट्रॉन लगा होता है। मैग्नेट्रॉन से निकलने वाली ऊर्जा मेटल को छोड़कर प्लास्टिक, पेपर व लकड़ी से बनी हर वस्तु से बड़ी आसानी से आर पार हो सकती है। लेकिन माइक्रोवेव मेटल शीट्स के आर पार नहीं जा पाती हैं। यही कारण है कि माइक्रोवेव में खाना गर्म करने के लिए आप स्टील से बने बर्तनों का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। माइक्रोवेव में खाना गर्म करने के लिए आपको ग्लास, प्लास्टिक या कागज से बने माइक्रोवेव सेफ यूटेंसिल्स का हीं प्रयोग करना पड़ता है। 

माइक्रोवेव आपके खाने को सीधा गरम नहीं करता है, बल्कि वह आपके खाने में मौजूद पानी को गर्म करता है पानी की गर्मी धीरे-धीरे बाकि खाने में पहुंचती है और उसे गर्म करती है। यही कारण है कि माइक्रोवेव में सुखी चीजों को गर्म करना इतना आसान नहीं होता है। आपके खाने में पानी की मात्रा ना हो तो वह गर्म होने में ज्यादा लंबा समय लेगा। 

इसमें आप चावल, दाल, सब्जियां और अलग-अलग प्रकार की ग्रेविस जिसमें पानी की मात्रा अधिक होती है उनको बड़ी आसानी से गर्म कर सकते हैं। गैस स्टोव के मुकाबले माइक्रोवेव पर खाना लगभग एक तिहाई कम समय में गर्म हो जाता है। 

क्या माइक्रोवेव में बना खाना सेफ होता है

माइक्रोवेव को लेकर इंटरनेट पर तरह-तरह की भ्रांतियां फैली हैं। कुछ लोग तो यहां तक कहते हैं कि माइक्रोवेव में बना खाना रेडियो एक्टिव हो जाता है जो कि सरासर गलत है। माइक्रोवेव में नोंन आयनाइजिंग रेडिएशन का इस्तेमाल किया जाता है। जिस से खाने में मौजूद मोलेक्युल्स में कोई हानिकारक प्रभाव नहीं पड़ता है। माइक्रोवेव में बना खाना किसी गैस स्टोव पर बने खाने जितना ही सुरक्षित होता है।

कुछ लोग यहां तक कहते हैं कि माइक्रोवेव में बने खाने से कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है लेकिन इस बात का भी कोई पुखता सबूत नहीं है।

लेकिन हाँ, माइक्रोवेव से जुड़ी एक बात में थोड़ी सच्चाई जरूर है। कुछ लोग अपना खाना गर्म करने के लिए ऐसे प्लास्टिक के बर्तनों का इस्तेमाल करते हैं जो माइक्रोवेव सेफ नहीं होते हैं। ऐसे बर्तनों के लगातार इस्तेमाल से आपको कैंसर होने की संभावना थोड़ी बढ़ जाती है। लेकिन इसका एक सरल उपाय है कि आप अपने माइक्रोवेव में शीशे से या ग्लास से बने बर्तनों का इस्तेमाल करें। 

क्या माइक्रोवेव को ऑपरेट करना सेफ होता है

एक अच्छी कंपनी के माइक्रोवेव में हर प्रकार की सेफ्टी प्रिकॉशंस का ध्यान रखा जाता है। यह बात सच है कि माइक्रोवेव की तरंगे यदि आपके शरीर के संपर्क में आएं तो वो आपके शरीर को बिलकुल वैसे हीं गर्म करती है जैसे की वो खाने को गर्म करती हैं। 

लेकिन एक माइक्रोवेव ओवन तभी चालू होता है जब आप उसके दरवाजे को पूरी तरीके से बंद कर दें और यदि आप उसका दरवाजा बंद किये बगैर माइक्रोवेव का बटन दबाते भी हैं तो भी वो काम नहीं करेगा। इसके अलावा उसके दरवाजे में मेटल से बनी एक जाली लगी होती है जिससे माइक्रोवेव तरंगें आर पार नहीं हो सकती हैं। माइक्रोवेव तरंगो का वेवलेंथ इतना बड़ा होता है की वो एक मिलीमीटर जैसे छोटे छेदों के आर पार नहीं जा सकता है। 

माइक्रोवेव ओवन के दरवाजे में मेटल यानि धातु से बनी जाली लगी होती है जो माइक्रोवेव तरंगों को आर पार नहीं जाने देती। लेकिन आप इसमें से अंदर गर्म होते भोजन को ठीक से देख पाते हैं।

इसलिए माइक्रोवेव ओवन को एक छोटी उम्र के बच्चे से लेकर हर उम्र का व्यक्ति इस्तेमाल कर सकता है। लेकिन एक माइक्रोवेव ओवन में आपको इस बात का ध्यान रखना होता है कि आप इसमें स्टील से बने बर्तन का इस्तेमाल न करें। अगर आप गलती से माइक्रोवेव ओवन में स्टील का बर्तन डाल भी देते हैं तो उसे तुरंत बाहर निकाल दें। माइक्रोवेव ओवन तभी खराब होगा जब आप इसमें स्टील के बर्तन ज्यादा लंबे समय के लिए छोड़ दें।

कन्वेक्शन माइक्रोवेव ओवन क्या होता है 

कन्वैक्शन फैसिलिटी वाले माइक्रोवेव ओवन में आप माइक्रोवेव के साथ-साथ कन्वैक्शन ओवन का इस्तेमाल कर सकते हैं। एक कन्वैक्शन फैसिलिटी वाले माइक्रोवेव ओवन में आप माइक्रोवेव के साथ साथ खाना गरम करने के लिए इलेक्ट्रिक कोइल हीटर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। 

यदि आप बेकिंग का शौक रखते हैं तो आप कन्वैक्शन फैसिलिटी वाला माइक्रोवेव खरीद सकते हैं जिसमें आपको केक, पिज़्ज़ा और ब्रेड इत्यादि बनाने यानी बेकिंग करने की फैसिलिटी मिलती है। बेकिंग एक माइक्रोवेव ओवन में तभी किया जा सकता है जब उसमे कन्वैक्शन ओवन का फ़ीचर भी उपलब्ध हो।

आजकल बाजार में ऐसे ओवन भी मौजूद हैं जिनमें आपको कन्वैक्शन और माइक्रोवेव फैसिलिटी दोनों मिलती है। लेकिन ऐसे ओवन के लिए आपको एक माइक्रोवेव ओवन से थोड़ी ज्यादा कीमत चुकानी पड़ सकती है।

जरूरत के अनुसार माइक्रोवेव ओवन का आकार और कैपेसिटी चुनें 

यदि आप केवल खाना गर्म करने के लिए माइक्रोवेव ओवन खरीद रहे हैं तो आपके लिए 15 से 20 लीटर का माइक्रोवेव ओवन सही रहेगा। लेकिन यदि आप उसमें बेकिंग करना चाहते हैं जैसे कि केक बनाना चाहते हैं तो आप 25 से 30 लीटर का माइक्रोवेव ओवन खरीद सकते हैं जिसमे कन्वेक्शन फैसिलिटी भी मौजूद हो। 

बाजार में 30 लीटर की कैपेसिटी से भी बड़े माइक्रोवेव ओवन मिलते हैं जिनमें आपको कन्वैक्शन और माइक्रोवेव फैसिलिटी दोनों साथ में मिलती है। कन्वेक्शन ओवन बेकिंग यानि केक, ब्रेड, पिज़्ज़ा आदि बनाने के लिए सबसे सही होते हैं। एक कन्वेक्शन ओवन का इस्तेमाल आप एक तंदूर की तरह भी कर सकते हैं।

बिजली की खपत कितनी होगी 

एक 15 लीटर कैपेसिटी का माइक्रोवेव 600 से 1000 वॉट बिजली की खपत करता है। यानी इसे आप यदि एक घंटा चलाएं तो एक यूनिट बिजली खर्च होगी। 25 से 30 लीटर के माइक्रोवेव ओवन आपको 1000 से 2000 वाट बिजली की खपत करेंगे।

यदि आपने कन्वैक्शन फैसिलिटी वाला माइक्रोवेव ओवन खरीदा है तो उसमें बिजली की खपत भी थोड़ी ज्यादा होती है। एक कन्वैक्शन ओवन को 1 घंटा इस्तेमाल करने पर दो यूनिट बिजली का खर्चा आएगा। लेकिन यदि आप उसे न्यूनतम सेटिंग्स पर इस्तेमाल करें तो यह खर्च थोड़ा कम भी हो सकता है।