आज के ज़माने में हर दूसरा व्यक्ति आपको अपने मोबाइल, टेबलेट या लैपटॉप स्क्रीन में आँखे गड़ाए मिलेगा। अब आप इसे मजबूरी कहें या जरूरत लेकिन आज हरेक व्यक्ति का स्क्रीन टाइम यानि किसी फ़ोन के स्क्रीन को देखते हुए बिताया जाने वाला समय पहले से बहुत ज्यादा बढ़ गया है और इसका परिणाम ये होता है की आपके दिमाग के साथ साथ आपके आँखों और कानो की भी इसकी कीमत चुकानी पड़ती है।
मोबाइल स्क्रीन या किसी भी चीज़ को आप ज्यादा समय तक करीब से देखते हैं तो आपके आँखों के लेंस करीब के चीज़ों पर फोकस होने के लिए एडजस्ट हो जाते हैं। लेकिन ऐसा होने पर जब आप दूर देखने की कोशिस करते हैं तो आपको साफ़ दिखाई नहीं देता है। यानि आप अपने मोबाइल स्क्रीन को देखने के इतने आदि हो जाते हैं की दूर की चीज़े आपको धुंधली दिखाई देनी सुरु हो जाती हैं।
ऐसा होने के कई और कारण भी हो सकते हैं जैसे आपका काम यदि ऐसा है जिसमे आपको घंटो किताबों और पेपर पर लिखी चीज़ों को देखते या पढ़ते हुए अपना समय बिताना होता है तो भी आपको ये समस्या हो सकती है। जब आप के आँखों में कोई खराबी नहीं होती तो आप के आँखों के लेंस का फोकस सीधे आपके आँखों के पीछे रेटिना पर पड़ता है। लेकिन मायोपिया में ऐसा नहीं होता है।
यदि आपके परिवार में जैसे आपके माँ या पिता को ये समस्या है तो आपके इस समस्या के होने की सम्भावना भी काफी बढ़ जाती है। इसके साथ साथ यदि आपका ज्यादा तर समय घर के अंदर बीतता है और आप दूर कम हीं देखते हैं तो भी आपको नियर साइटेडनेस यानि मायोपिया की समस्या हो सकती है।
क्यों होता है Myopia (निकट दृष्टि दोष )?
Myopia यानि दूर की चीज़ों का साफ़ न दिखना तब होता है जब आप अपना ज्यादातर समय अपने मोबाइल, या किसी किताब आदि को पढ़ते हुए बिताते हैं। ऐसा करने पर आपकी आँखें केवल नजदीक की चीज़ों पर फोकस करने की आदि हो जाती हैं।
आपके आँखों के लेंस नार्मल व्यक्ति के आँखों से थोड़े ज्यादा मोटे हो जाते हैं और उनका फोकल लेंथ भी काम हो जाता है। यही कारन है की आप दूर की चीज़ों को ठीक से नहीं देख पाते हैं। आपके आँखों में जो छवि बनती है वो आपके आँखों के रेटिना पर न बनकर उसके आगे बनती है और आपको दूर की वस्तु साफ़ नज़र नहीं आती है।
गाड़ी चलाने में या कोई आउटडोर एक्टिविटी जैसे क्रिकेट या बैडमिंटन जैसे खेल खेलने में भी आपको तकलीफ हो सकती है जैसे आपको क्रिकेट की गेंद ठीक से दिखाई नहीं देगी। गाड़ी चलाते समय आपको रोड पर दूर लगे साइन बोर्ड पढ़ने में या ट्रैफिक साइन बोर्ड पढ़ने में भी दिक्कत हो सकती है।
इसके साथ साथ यदि Myopia यानि निकट दृष्टि की समस्या को समय रहते ठीक नहीं किया गया तो इसके कुछ और भी दुष्परिणाम आपको देखने को मिल सकते हैं जैसे squinting , आँखों का स्ट्रेन, सर दर्द आदि।
यदि आपके बच्चों में ये समस्या है तो आपको वे टीवी के ज्यादा करीब बैठकर टीवी देखते नज़र आएंगे। उनको साइकिल चलाने या कोई खेल खेलने में भी दिक्कत हो सकती है। स्कूल के ब्लैक बोर्ड या किसी साइन बोर्ड पर लिखे अक्षरों को पढ़ने में भी दिक्कत हो सकती है।
क्या होता है Hypermetropia ?
मायोपिया के बिलकुल उलट इस समस्या में आपको दूर की वस्तुएँ तो साफ़ नज़र आ जाती हैं परन्तु यदि आप नजदीक देखना चाहें जैसे किसी किताब को पढ़ने की कोशिश करें या मोबाइल पर कुछ देखना चाहें तो आपको साफ़ दिखाई नहीं देगा।
यह समस्या ज्यादातर ऐसे व्यक्तियों को होती है जो ज्यादातर घर के बाहर काम करते हैं या उनके काम में दूर देखना शामिल होता है जैसे कोई ड्राइवर जिसे गाड़ी चलाते समय हमेशा रोड पर दूर देखना पड़ता है। ऐसे व्यक्ति अपना काफी काम समय नजदीक की चीज़ों हुए बिताते हैं इसलिए उनके आँखों के लेंस नज़दीक फोकस नहीं कर पाते। ज्यादा उम्र के व्यक्तिओं में भी ये समस्या देखने को मिलती है।
Astigmatism
इस कंडीशन में आपके आँखों के अंदर वाले लेंस के कर्वेचर यानि उसकी गोलाई में गड़बड़ हो जाती है। इसके अलवा यदि आपके कॉर्निया के ऊपरी हिस्से या लेंस में भी कोई इम्पेर्फेक्शन है तो उसकी वजह से भी आपको astigmatism हो सकता है।
यह समस्या आम तौर पर आसानी से पकड़ में नहीं आती और यह हर उम्र के व्यक्ति को हो सकती है और कई बार यह जन्मजात भी नजर आ जाती है। आँख के अंदर आम तौर पर दो गोलाकार स्ट्रक्चर होते हैं एक लेंस आपके कॉर्निया के ऊपरी भाग यानि आपके आँखों के बिलकुल बीच वाला लेंस होता है और एक आपके आँखों के अंदर लगा लेंस जो आने वाली रौशनी को आपके आँखों की रेटिना पर फोकस करता है।
यदि आपके आँखों के ये दोनों लेंस ख़राब हो तो आपको दूर या पास दोनों हीं स्थिति में साफ़ साफ़ दिखाई नहीं देता है।