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डॉक्टर आपको कैसा चस्मा देगा ये कैसे पता लगता है। कैसे ठीक किया जाता है आपकी आँखों को

Human Eye Myopia Hypermetropia correction lenses

यदि आपको भी आँखों से साफ़ नहीं दिखाई दे रहा तो हो सकता है की आपके आँखों में खराबी आ चुकी है। आपके आँखों में खराबी कई कारणों से आ सकती है। लेकिन हम यहाँ पर आँखों के सबसे कॉमन खराबी की बात कर रहें हैं जिसे ठीक करने के लिए एक चस्मा काफी होता है। आँखों की कई और बीमारियां भी होती हैं जिनकी बात हम यहाँ नहीं करेंगे। 

आपको चश्मे की जरूरत तब पड़ती है जब आपको दूर किसी चीज़ को देखने में दिक्कत आ रही हो या आप दूर तो ठीक से देख लेते हैं पर किसी किताब को पढ़ने में आपको साफ़ दिखाई नहीं देता है। आज के जमाने में पहली समस्या काफी आम होती जा रही है और छोटे छोटे बच्चे भी अपने दूर की नज़र यानि दूर की चीज़ों को साफ़ साफ़ देखने में असमर्थ हो रहे हैं। 

इसके लिए आप मोबाइल फ़ोन, लैपटॉप, टीवी, कंप्यूटर, टेबलेट जैसे उपकरणों को भी दोष दे सकते हैं। यदि आपका बच्चा अपना ज्यादातर समय किसी मोबाइल डिवाइस यानि किसी स्क्रीन को बेहद करीब से देखते हुए बीताता है तो उसके आँखों के ख़राब होने की  सम्भावना सब से अधिक होती है। ऐसे में आप की आँखे पास की चीज़ें देखने के लिए इतना एडजस्ट हो जाती हैं की जब आप दूर देखने की कोशिश करते हैं तो आपको कुछ भी साफ़ साफ़ दिखाई नहीं देता और चीज़ें धुंधली नज़र आती हैं। 

इस कंडीशन को मायोपिया (Myopia) या निकट दृष्टि दोष भी कहते हैं। 

कैसे ठीक किया जाता है Myopia को 

मायोपिया यानि दूर की चीज़ों को साफ़ साफ़ न देख पाना किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है। यदि आपके परिवार में यह समस्या पहले से चली आ रही है या आपके माँ बाप को ये समस्या है तो आपको मायोपिया होने का खतरा भी काफी बढ़ जाता है। 

मायोपिया में आपके आँखों के अंदर जब रौशनी जाती है तो वो आपके आँखों के भीतरी लेंस से गुजरने के बाद  रेटिना पर तस्वीर को फोकस नहीं कर पाती है और तस्वीर रेटिना के आगे फोकस होती है जिसकी वजह से आपको ठीक से दिखाई नहीं देता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आपके आँखों के भीतर वाले लेंस का फोकल लेंथ कम हो जाता है। फोकल लेंथ कम होने का कारण आपके लेंस के कर्वेचर का बढ़ जाना भी होता है। 

आपके आँखों के लेंस का फोकल लेंथ जरूरत अनुसार बदलता रहता है। जब आप दूर देखते हैं तो आपके आँखों के अंदर के लेंस का फोकल लेंथ बढ़ जाता है यानि वो पतला हो जाता है और जब आप कोई किताब पढ़ते हैं या नजदीक देखते हैं तो आपके आँखों का लेंस थोड़ा मोटा हो जाता है।  लेकिन जब आप जरूरत से ज्यादा  मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं तो आप दूर देखना कम कर देते हैं। 

आपके आँखों के लेंस को ठीक से काम रखने के लिए यह जरूरी होता है की आप पास की वस्तुओं को देखने के साथ साथ बराबर मात्रा में दूर की चीज़ों पर भी  ध्यान दें। और ऐसा न होने पर हीं आपके आँखों के लेंस में खराबी आ जाती है और वो दूर या पास देखने की अपनी काबलियत खोने लगता है। 

मायोपिया यानि दूर न देख पाने की समस्या से निपटने के लिए आपके आँखों के आगे एक Concave लेंस वाले चश्मे का इस्तेमाल किया जाता है। जो आपके आखों के लेंस से बनने वाले इमेज को आपके रेटिना पर फोकस करता है। आपके रेटिना में रॉड्स और कोन्स लगे होते हैं जो आपको रंग के साथ साथ वस्तुओं को देखने के लिए भी जरूरी होते हैं। 

रेटिना हीं आपके दिमाग को सिग्नल भेज कर यह बताता है की आपके रेटिना पर पड़ने वाली रौशनी किस वस्तु से आ रही है और वह कैसा दीखता है। 

मायोपिया के साथ साथ एक और डिफेक्ट है जिसकी समस्या भी काफी लोगों को होती है और उसे भी चस्मा लगा कर ठीक किया जा सकता है। इस कंडीशन को ह्यपरमेट्रोपीआ कहते हैं। 

ह्यपरमेट्रोपिआ क्या होता है और कैसे ठीक किया जाता है 

ह्यपरमेट्रोपीआ मायोपिया से उलट होता है। मायोपिया में आपको दूर की वस्तु देखने में समस्या होती है लेकिन ह्यपरमेट्रोपीआ में आपको दूर की चीज़ें तो ठीक दिखाई देती हैं लेकिन जब आप पास देखने की कोशिश करते हैं तो आपको चीज़ें धुंधली नज़र आती हैं। 

यही कारण है की इस समस्या के होने पर आप किताब पढ़ना, लिखना , कंप्यूटर पर काम करना और मोबाइल या टेबलेट के स्क्रीन को ठीक से देख पाने में असमर्थ हो जाते हैं। 

इस कंडीशन में आपके आँखों के अंदर के लेंस में खराबी आ जाने के कारण ये इमेज को आपको रेटिना पर फोकस करने की जगह आपके आँखों के रेटिना के पीछे फोकस करता है। इस लिए आपके आँखों पर पड़ने वाला इमेज धुंधला होता है। इस समस्या में आपके आँखों का भीतरी लेंस नार्मल से पतला हो जाता है यानि उसका फोकल लेंथ बढ़ जाता है। 

इसको सही करने के लिए डॉक्टर आपको कॉन्वेक्स लेंस लगा हुआ चस्मा देता है जो आपके आँखों पर पड़ने वाली रौशनी को आपके रेटिना पर फिर से फोकस करता है और आप साफ़ साफ़ देख पाते हैं।  

Astigmatism की समस्या क्या होती है 

ऊपर बताये दो कंडीशंस के अलावा भी एक समस्या होती है जिसे चस्मा लगाकर ठीक किया जाता है। इसे Astigmatism कहते हैं।  इस कंडीशन में आपके आँखों के ऊपरी हिस्से यानि की कॉर्निया के आकार में खराबी आ जाती है। आपके आँखों के अंदर दो लेंस होते हैं और बाहर बिलकुल बीच वाला उभरा हुआ हिस्सा भी एक लेंस की तरह हीं काम करता है। 

Astigmatism में आपके बाहरी उभरे हुए हिस्से में खराबी हो जाती है जिस वजह से आपके आँखों पर पड़ने वाली रौशनी आपके रेटिना पर दो जगह फोकस होती है। ऐसा होने पर आपको हर वस्तु की दो आकृतियां नज़र आती हैं। इस समस्या से निपटने के लिए डॉक्टर आपको बाइफोकल लेंस वाला चस्मा देता है जो एक Concave और कॉन्वेक्स लेंस का मिला जुला रूप होता है। 

इसके अलावा भी आखों में कई समस्याएं हो सकती है लेकिन यहाँ हमने उन्ही समस्याओं की बात की है जो चस्मा लगा कर ठीक की जा सकती हैं।