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ड्राइविंग लाइसेंस के लिए RTO जाने की जरूरत नहीं है, जानें क्या हैं नए नियम

मुझे आपको ये बताने की जरूर नहीं है की भारत में यदि आप कोई मोटर व्हीकल चलाना चाहते हैं तो आपको अपने नजदीकी RTO से एक ड्राइविंग लाइसेंस लेना पड़ता है। लाइसेंस लेने के लिए आपकी उम्र भी 18 साल से ऊपर होनी चाहिए। 

लाइसेंस लेने के लिए आपको अपने नजदीकी RTO में जाकर एक लिखित एग्जाम भी क्लियर करना होता था जिसमे ट्रैफिक के नियम सम्बन्धी प्रश्न पूछे जाते थे। इसके बाद आपको एक ड्राइविंग टेस्ट भी क्लियर करना होता था, तब जाकर आपको गाड़ी चलाने के लिए लाइसेंस मिलता था। 

पहले आपको ये दोनों टेस्ट अपने शहर के RTO में जाकर देने पड़ते थे। टेस्ट के लिए आपका नंबर आने के लिए आपको महीनों तक का लम्बा इन्तेज़ार भी करना पड़ता था। पर 1 जून 2024 से सरकार ने इस नियम को बदल दिया है और आज से आपको नए नियम का पालन कर के हीं ड्राइविंग लाइसेंस मिल सकता है 

आइये जानते हैं क्या हैं ये नए नियम 

आज से पहले आपको लाइसेंस बनाने के लिए RTO में जाकर टेस्ट देना होता था परन्तु अब आपको टेस्ट देने के लिए किसी प्राइवेट ड्राइविंग स्कूल जाना होगा। यह ड्राइविंग स्कूल वही होगा जिसको सरकारी मान्यता प्राप्त होगी। 

यदि आप उस स्कूल के ड्राइविंग टेस्ट में पास हो जाते ही तो आपको एक सर्टिफिकेट दिया जायेगा जिसकी मदद से आप नए लाइसेंस के लिए अप्लाई कर सकते हैं और RTO आपसे कोई टेस्ट नहीं लेगा। यदि आप चाहें तो आप अपना ड्राइविंग टेस्ट RTO में जाकर भी दे सकते हैं लेकिन टेस्ट के लिए आपका नंबर आने के लिए आपको लम्बा इंतज़ार भी करना पड़ सकता है। 

इसके बाद आपको लर्निंग लाइसेंस दिया जायेगा जिसके लिए आपको 150 रुपये चुकाने होंगे और उसके होने वाले टेस्ट के लिए आपको 50 रुपये की फीस भरनी पड़ेगी। इसके 6 महीने बाद आपको फाइनल टेस्ट देना होगा जिसके लिए आपको 300 रुपये चुकाने होंगे। यदि आप टेस्ट में फ़ैल हो जाते हैं तो आपको फिर से परीक्षा देने के लिए वापस 300 रुपये चुकाने होंगे।

यदि आप अपना लाइसेंस रिन्यू करवा रहे हैं तो आपको 200 रुपये की फ़ीस लगेगी। नया लाइसेंस आपको 20 साल के लिए दिया जाता है। जिसके बाद आपको लाइसेंस को फिर अगले 10 साल के लिए रिन्यू करना होता है। 

अब लाइसेंस के लिए अप्लाई करने के लिए लगने वाले डॉक्यूमेंट की संख्या को भी काम कर दिया गया है। आप अपने आधार को एड्रेस प्रूफ और ID प्रूफ दोनों के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं। 

इसके साथ साथ ट्रेनिंग की बात करें तो दोपहिया वाहनों के लिए लर्नर लाइसेंस के लिए आपको 29 घंटे और चार पहिया वाहनों के लिए 38 घंटे की ट्रेनिंग करनी पड़ती है और साथ हीं लिखित एग्जाम और फाइनल टेस्ट भी क्लियर करना होता है। 

यानि अब यदि आपको लाइसेंस चाहिए तो आप RTO न जाकर अपने नजदीकी ड्राइविंग स्कूल में जा सकते हैं लेकिन ध्यान रहे की वो सरकार द्वारा अधिकृति हो। 

ड्राइविंग लाइसेंस न होने पर होने वाली सजा के नियम 

बिना ड्राइविंग लाइसेंस के गाड़ी चलाने पर आपको 5000 रुपये का फाइन भरना पड़ता था पर अब इसमें कम्युनिटी सर्विस की सजा का प्रावधान भी जोड़ दिया गया है। यानि आपको बिना लाइसेंस के पकड़ा गया तो आपकी गाड़ी को भी RTO द्वारा तब छोड़ा जायेगा जब तक आप फाइन नहीं भरते या अपनी कम्युनिटी सेवा की सजा पूरी नहीं करते।  

कम्युनिटी सर्विस की सजा मिलने पर आपको किसी पब्लिक स्थान या संसथान में कुछ समय के लिए बिना किसी मेहनताने के काम करना पड़ेगा। 

साथ हीं यदि आप दूसरी बार बिना लाइसेंस के पकडे जाते हैं तो जुर्माने की राशि दोगुनी कर दी जाएगी और आपको 6 महीने की जेल भी हो सकती है।

बार बार गलती दोहराने पर आपको 2 साल की जेल  हो सकती है इसके साथ परमानेंट लाइसेंस भी कैंसिल हो सकता है।