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टीवी और मॉनिटर कितनी बिजली यूज़ कर रहे हैं, कैसे जानें

आपका बिजली का बिल कितना आने वाला है इस का पूर्वानुमान आपको अपनी बिजली की खपत से पहले हीं लग जाता होगा। इसके अलावा आपके बिजली का बिल बिजली टैरिफ पर, मौसम पर, आपके द्वारा उपयोग में लाये जाने वाले उपकरणों और होम एप्लायंसेज पर भी निर्भर करता है।

यदि आप बड़े उपकरण जैसे गर्मी में एयर कंडीशनर, सर्दियों में रूम हीटर, आदि का उपयोग ज्यादा करते हैं तो स्वाभाविक है की आपका बिजली का बिल ज्यादा आएगा। लेकिन एक उपकरण जो वेवजह बिजली की बर्बादी के लिए जिम्मेवार ठहराया जाता है वो है आपका टीवी जो शायद सभी घरों में सबसे ज्यादा चलने वाला बिजली का उपकरण है। और खासकर तब जब आपके घर में बच्चे हों जो उसे दिन भर चालू रखते हैं। 

यदि आपके घर में डेस्कटॉप कंप्यूटर है और आप उसके साथ बड़े स्क्रीन वाला मॉनिटर यूज़ करते हैं तो वह भी लगभग आपके टीवी जितना ही बिजली की खपत करता है। 

लेकिन क्या आपके टीवी द्वारा की जाने वाली बिजली की खपत आपके बाकि उपकरणों जैसे रेफ्रीजिरेटर या एयर कंडीशनर जितनी है, या उन से कम या ज्यादा है? आइये आज इस सवाल का जवाब हम आपको विस्तार से देते हैं। 

आपका टीवी हर घंटे कितनी बिजली की खपत करता है 

इस सवाल का सही जवाब जानने से पहले आपको यह ज्ञात करना होगा की आपका टीवी एक घंटे में कितनी बिजली की ख़पत कर सकता है। यह जानकारी आपके टीवी के स्पेसिफिकेशन शीट या उसके यूजर मैन्युअल में भी छपी होती है। यदि आपके पास आपके टीवी का यूजर मैन्युअल नहीं है तो आप displayspecifications.com की वेबसाइट पर जाकर भी अपने टीवी से जुडी स्पेसिफिकेशन को जान सकते हैं।

वहां जाकर बाईं और अपने टीवी के निर्माता कंपनी को सेलेक्ट करें और फिर अपने टीवी के मॉडल को सेलेक्ट करें । अगले पेज पर आपको नीचे स्क्रॉल करके पावर सप्लाई एंड कंसम्पशन वाले खंड में जाकर Power Consumption (Maximum) के आगे लिखी संख्या को पढ़ना है।

आम तौर पर एक 40 इंच का टीवी एक घंटे में 50 से 150 Watts की बिजली की खपत कर सकता है। लेकिन उसकी औसत खपत कितनी होगी वह कई कारकों पर निर्भर करता है। जैसे, यदि आप एक 40 इंच के टीवी को हाईएस्ट ब्राइटनेस और साउंड सेटिंग्स पर चलाएं तो उसके द्वारा खपत की जाने वाली ऊर्जा उसके उच्चतम सीमा यानि के 150 वाट के समीप होगी। और यदि आप मिनिमम ब्राइटनेस और साउंड सेटिंग पर चलाते हैं तो स्वाभाविक है की आपके टीवी द्वारा की जाने वाली ऊर्जा की ख़पत भी सबसे कम होगी।

टीवी के पावर कंसम्पशन यानि बिजली खपत को कैसे कैलकुलेट करें

जैसे हमने पहले बताया की आपके टीवी द्वारा की जाने वाली ऊर्जा की खपत की जानकारी उसके स्पेसिफिकेशन शीट पर छपी होती है। लेकिन आपके टीवी द्वारा की जाने वाली वास्तिवक ख़पत आपके टीवी के सेटिंग्स और आपके इस्तेमाल करने के तरीके पर भी निर्भर करती है। 

लेकिन यहाँ आपके टीवी की बिजली खपत की कैलकुलेशन को समझाने के लिए ये मान लेते हैं की आपका टीवी हर घंटे औसतन 100 वाट बिजली की ख़पत करता है। फिर यह मान लीजिये की आपका टीवी प्रति दिन लगभग 8 घंटे के लिए चलता है। 

इस प्रकार उसकी एक दिन की कुल बिजली खपत लगभग 800 वाट के करीब बैठती है।

इस जानकारी का प्रयोग करके आप बड़े आसानी से अपने टीवी देखने का प्रतिदिन का खर्च कैलकुलेट कर सकते हैं। लेकिन इसके लिए आपको अपने इलेक्ट्रिसिटी कंपनी द्वारा चार्ज की जाने वाली प्रति यूनिट इलेक्ट्रिसिटी कॉस्ट को ज्ञात करना होगा।

आपके घर तक बिजली पहुँचाने वाली कंपनी आपसे हर यूनिट के लिए एक फिक्स चार्ज वसूलती हैं। मान लीजिये की आप मुंबई जैसे महानगर में रहते हैं। मुंबई में आपके घर तक आने वाली बिजली महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रिब्यूशन कंपनी यानि MSEDCL द्वारा प्रोवाइड की जाती है जो की हर यूनिट के लिए आपसे कम से कम 3.5  रुपये चार्ज करती है। यदि आप ज्यादा यूनिट का इस्तेमाल करते हैं तो प्रति यूनिट कॉस्ट भी उसी अनुसार बढ़ता रहता है। यदि आप 500 से ज्यादा यूनिट की ख़पत करते हैं तो आपको प्रति यूनिट 11 रुपये का इलेक्ट्रिसिटी चार्ज लगेगा। 

भारत के हर राज्य में बिजली का बिल कैलकुलेट करने की लगभग इसी प्रकार की व्यवस्था है। तो यदि आपने प्रति यूनिट कॉस्ट को ज्ञात कर लिया है तो आप इसकी सहायता से अपने टीवी पर होने वाले बिजली के खर्च को बड़े आसानी से कैलकुलेट कर सकते हैं. 

जैसा की हमने पहले कैलकुलेट किया था की यदि एक 40 इंच का टीवी 100 वाट प्रति घंटा बिजली का इस्तेमाल करता है तो उसे रोज़ाना 8 घंटा चलाने पर वह लगभग 800 वाट बिजली की ख़पत करेगा। 

इस 800 वाट को पहले हमें यूनिट यानि किलोवॉट ऑवर में कन्वर्ट करना होगा। 1 यूनिट, 1 किलोवॉट ऑवर के बराबर होता है। और 1 किलोवॉट ऑवर में 1000 वाट होते हैं।  तो अब से आप 1 किलोवाट ऑवर को 1 यूनिट भी मान सकते हैं। 

मतलब यदि आपका टीवी 1000 वाट की खपत करता है तो आपकी पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी उसे 1 यूनिट बिजली की खपत मानती है। इसलिए सबसे पहले हम टीवी की रोजाना ख़पत होने वाली 800 वाट बिजली को यूनिट में कन्वर्ट करेंगे। 

800 वाट को किलोवाट ऑवर यानि यूनिट में कन्वर्ट करने के लिए आपको इस संख्या में 1000 से भाग देना पड़ेगा। ऐसा करने पर आपको 0.8 किलोवाट ऑवर/यूनिट की संख्या मिलेगी। इसका मतलब है की आपका टीवी प्रति दिन 0.8 यूनिट बिजली की खपत करता है।  

और अब यह मान लीजिये की आपकी बिजली कंपनी द्वारा तय किया गया प्रति यूनिट कॉस्ट है 4/- रुपये, तो इसे यदि आप 0.8 से गुना करेंगे तो आपको अपने टीवी द्वारा खपत की जाने वाली बिजली का रोज़ाना आने वाला खर्च पता चल जायेगा। 

मतलब आपका 100 वाट प्रति घंटा बिजली की खपत करने वाला टीवी यदि रोज़ 8 घंटा चलता है तो आपको प्रति दिन 3 से 4 रुपये का खर्च आएगा। अब इस खपत में आप अपने डिश टीवी रिसीवर यानि सेट टॉप बॉक्स द्वारा यूज़ होने वाली बिजली को भी जोड़ दें तो आपको टीवी चलाने पर आने वाले प्रति दिन का खर्च पता चल जायेगा।

टीवी का पावर यूसेज और भी कई कारकों पर निर्भर करता है 

जैसा हमने आपको पहले बताया की आपके टीवी की ब्राइटनेस यदि ज्यादा होगी तो भी वो ज्यादा बिजली की खपत करेगा। लेकिन इसके अलावा भी कई ऐसे कारक या फैक्टर्स हैं जिन से आपके टीवी की ऊर्जा खपत निर्धारित होती है। उसमे से प्रमुख कारकों को हमने नीचे विस्तार से समझाया है। 

डिस्प्ले टेक्नोलॉजी 

भारतीय बाज़ारों में मिलने वाले ज्यादातर टीवी लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले यानि LCD पेनल्स टेक्नॉलजी का प्रयोग कर के बने होते हैं। ये टीवी सस्ते और किफ़ायती दामों पर उपलब्ध होते हैं और इन एलसीडी टीवी में LED बैक लाइट का इस्तेमाल किया जाता है जो आपके डिस्प्ले पैनल या टीवी स्क्रीन के सबसे पीछे लगे LED डायोड यानि छोटे छोटे बल्बों की श्रृंखला को कहा जाता है। यह LED बैक लाइट हर समय चालू रहती हैं चाहे आपके टीवी पर इमेज दिखाई दे रही हो या नहीं और एलसीडी टीवी द्वारा खपत की जाने वाली बिजली में सबसे ज्यादा योगदान इसी बैक लाइट का होता है।

एक एलसीडी टीवी कई परतों से मिलकर बना होता है जिसमे सबसे अंतिम यानि सबसे पीछे की ओर बैक लाइट पैनल लगा होता है। बैक लाइट से होने वाली रौशनी लिक्विड क्रिस्टल लेयर और पोलेराइज़र लेयर से होते हुए कलर फ़िल्टर से गुज़र कर आपके स्क्रीन पर दिखने वाली तस्वीर का निर्माण करती है।

वहीँ कुछ टीवी आर्गेनिक लाइट एमिटिंग डायोड यानि OLED टेक्नोलॉजी का प्रयोग करते हैं जिनमे बैक लाइट नहीं होती। ओलेड टीवी का हर एक पिक्सेल स्वयं ही अपनी लाइट या रौशनी उत्पन्न कर सकता है। बैक लाइट के न होने के कारण इसमें होने वाली बिजली की ख़पत भी एलसीडी बैकलिट टीवी की तुलना में कम होती है।

यदि आप ओलेड जैसी टेक्नोलॉजी का प्रयोग करने वाले टीवी को खरीदते हैं तो वह एक नार्मल एलसीडी टीवी के मुकाबले कम बिजली का उपयोग करेगा। लेकिन यह भी ध्यान रहे की ओलेड टीवी उसी आकार और स्पेसिफिकेशन की एलसीडी टीवी के मुकाबले तिगुने या चौगुने दाम पर मिलते हैं।

वहीँ कुछ एलसीडी टीवी लोकल डिम्मिंग यानि ऐसी बैक लाइट का प्रयोग करते हैं जिसमे यदि जरूरत न हो तो LED बैक लाइट में लगे कुछ बल्बों को बंद भी किया जा सकता है। इस से भी बिजली की ख़पत में काफी गिरावट आती है। 

वहीँ कुछ पुराने प्लाज्मा डिस्प्लेस का प्रयोग करने वाले टीवी एक एलसीडी टीवी के मुकाबले चौगुनी ऊर्जा की खपत करते हैं इसके साथ इनको बनाने का खर्च भी काफी ज्यादा होता है। यही कारण है की इन प्लाज्मा टीवी को लगभग हर बड़ी टीवी निर्माता कंपनी ने बनाना बंद कर दिया है। 

वहीँ CRT टीवी यानि कैथोड रे टीवी जो 90 के दशक और उससे पहले मिलते थे, वो बिजली की ज्यादा खपत के साथ साथ अपने साइज और वजन के कारन भी बदनाम थे। आज वैसे टीवी आपको कबाड़ में हीं पड़े मिलेंगे क्योंकि उनका इस्तेमाल अब न के बराबर ही होता है। 

आपके टीवी का रेसोलुशन 

आज बाजार में 4K टीवी का बोलबाला है जो 3840×2160 पिक्सेल रेसोलुशन के होते हैं। यदि एक 4K रेसोलुशन  वाले डिस्प्ले के सभी पिक्सेल्स को गिना जाये तो उनकी कुल संख्या 82,94,400 होती है। वहीँ एक 1920 x 1080 रेसोलुशन वाले फुल HD डिस्प्ले में कुल 20,73,600 पिक्सेल्स हीं होते हैं।  

एक 4K टीवी में एक फुल HD टीवी से लगभग 4 गुना ज्यादा पिक्सेल्स होते हैं, यही कारण है की एक 4K डिस्प्ले की पिक्चर क्वालिटी एक HD या FULL HD डिस्प्ले से कहीं बेहतर होती है। लेकिन ज्यादा पिक्सेल्स को कण्ट्रोल करने के लिए ज्यादा पावरफुल कंप्यूटर के साथ साथ ज्यादा मेमोरी की भी जरूरत होती है। इस लिये एक 4K टीवी में लगा मदर बोर्ड ज्यादा बिजली की खपत करता है। 

आपके टीवी की ब्राइटनेस सेटिंग्स

आपके एलसीडी टीवी में सबसे ज्यादा ऊर्जा की जरूरत उसके बैक लाइट में होती है। यदि आप अपने टीवी की ब्राइटनेस सेटिंग को उसके हाईएस्ट लेवल पर रखते हैं तो स्वाभिक है की वह बिजली की खपत भी ज्यादा करेगा। वहीँ कुछ हाई एन्ड ओलेड टीवी में ऑटो लुमिनिसेंस (AUTO LUMINANCE) फीचर होता है जो आपके रूम में फैली रौशनी की लेवल को अपने लाइट सेंसर से पता करता रहता है और उसी अनुसार आपके टीवी की ब्राइटनेस भी ऑटोमेटिकली एडजस्ट होती रहती है। 

SONY द्वारा बनाये ओलेड टीवी में आपको यह फीचर देखने को मिल सकता है। ऑटो लुमिनेन्स फीचर वाले टीवी में यदि आप इस फीचर को बंद कर देते हैं, तो आपका टीवी ज्यादा बिजली यूज़ करेगा। 

वहीँ कुछ टीवी में छोटे फैन भी लगे होते हैं जो उसके मदर बोर्ड और सर्किटरी द्वारा उत्पन्न होने वाली गर्मी को कम करने के लिए लगाये जाते हैं। स्वाभाविक है की इन फैन के चलने पर बिजली की खपत भी ज्यादा होगी। 

स्टैंडबाई मोड में भी टीवी बिजली खर्च करता है 

स्टैंडबाई मोड में भी आपका टीवी कुछ बिजली की खपत करता रहता है। ज्यादातर टीवी स्टैंडबाई मोड में  0.5 वाट से लेकर 2 वाट तक बिजली का उपयोग कर सकते हैं। आपके टीवी में बहुत सारे उपकरण जैसे वोल्टेज रेगुलेटर, वायरलेस कार्ड, ब्लूटूथ कार्ड, इंफ़्रा रेड सेंसर्स आदि लगे होते हैं। यदि आपने इन्हे बंद न किया हो तो ये स्टैंडबाई मोड में भी चलते रहते हैं और बिजली खर्च करते रहते हैं। 

अंत में हम आपको यही कहना चाहेंगे की टीवी द्वारा खपत होने वाली बिजली आपके बाकि के बड़े उपकरणों जैसे आपका रेफ्रीजिरेटर और एयर कंडीशनर के मुक़ाबले में न के बराबर होती है। इसलिए यदि आप अपने बिजली बिल के लिए अपने टीवी को ज़िम्मेवार ठहरा रहे है तो इसे रोकने का केवल एक ही उपाय है। आपको अपने टीवी देखने के समय में कटौती करनी होगी या अपने टीवी के ब्राइटनेस या साउंड को उसके न्यूनतम स्तर पर रखना होगा। इसके अलावा टीवी को स्टैंडबाई मोड में रखने की जगह बंद करके रखने पर आप थोड़ी बहोत बिजली बचा पाएंगे।