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क्या BITCOIN आपके समझ के परे है, समझिये आसान भाषा में इसके काम करने का तरीका

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Bitcoin के बारे में नहीं जानते तो  हो सकता है की आप पूरी दुनिया से कट कर किसी जंगल में रह रहे हों। परन्तु जिन लोगों ने Bitcoin का नाम सुना भी हो वो भी उसके काम करने के तरीके को समझ नहीं पाते। Bitcoin का बोलबाला इतना बढ़ गया है की कई लोग इसके बारे में कुछ न जानते हुए भी इसमें पैसा लगाने या इन्वेस्ट करने को तैयार हैं। 

मेरे और आपके जैसे आम लोगों को तो छोड़िये बड़े बड़े फाइनेंसियल एक्सपर्ट और इन्वेस्टमेंट गुरु भी आपको इसके बारे में एक स्पष्ट राइ नहीं दे पाएंगे। हर व्यक्ति इसके बारे में हैट कर राय रखता है।

“मुझे उन चीजों में निवेश करना पसंद है जिनसे निकलने वाला आउटपुट कुछ कीमत रखता हो। किसी कमपनी का बाजार में रुतबा इस बात पर आधारित होता है कि वे कैसे सबसे अच्छा और बढ़िया प्रोडक्ट बनाती है। क्रिप्टो का मूल्य केवल इस बात पर निर्भर करता है कि कोई और व्यक्ति इसके लिए कितना भुगतान करेगा, इसलिए यह अन्य निवेशों की तरह समाज में योगदान नहीं करता है।”

“I like investing in things that have valuable output. The value of companies is based on how they make great products. The value of crypto is just what some other person decides someone else will pay for it so not adding to society like other investments,” 

यानी बिल गेट्स भी Bitcoin जैसे क्रिप्टो करेंसी को लेकर कुछ ज्यादा पॉजिटिव आउटलुक नहीं रखते हैं। वहीँ Elon Musk जैसे बिज़नेस मैन ट्विटर पर Dogecoin जैसे क्रिप्टोकोर्रेंसी को अपनी फेवरेट क्रिप्टो करेंसी बता चुके हैं। 

जब क्रिप्टोकरेंसी को लेकर ऐसे व्यक्तियों की राय आपस में नहीं मिलती तो फिर आपके और मेरे जैसे लोग इसके बारे में क्या राय बनाये, जब हम स्वयं इसके बारे में कुछ नहीं जानते हैं। 

तो आज हम इस आर्टिकल में Bitcoin जो की सबसे पहली क्रिप्टो करेंसी थी उसके बारे में बात करने वाले हैं और आपको समझाने वाले हैं की Bitcoin और इसके जैसे और क्रिप्टो करेंसी काम कैसे करती है। 

क्या है Bitcoin? और कैसे हुई इसकी शुरुआत 

2009 में एक पेपर पब्लिश हुआ था जो पेपर आज भी आपको नीचे दिए गए लिंक पर मिल जायेगा 

https://bitcoin.org/bitcoin.pdf

पेपर को पब्लिश करने वाले व्यक्ति ने अपना नाम Satoshi Nakamoto बताया था, साथ ही अपना एक ईमेल एड्रेस भी दिया था। इसके अलावा उस व्यक्ति के बारे में कोई जानकारी आपको पब्लिक डोमेन में नहीं मिलेगी। कई लोग इनके नाम से इन्हें जापानी समझते हैं तो कुछ इन्हें अमेरिका का बताते हैं। इस नाम के व्यक्ति को लोग आज तक ढूंढ रहे हैं पर न तो वे अभी तक उन्हें ढूंढ पाए हैं और न ही Satoshi Nakamoto ने अपनी असल पहचान जाहिर की है। 

अब चलिए बात करते हैं की उस पेपर में क्या था। Satoshi Nakamoto ने पेपर में Bitcoin का कांसेप्ट यानी इसके काम करने के तरीके को पहली बार प्रस्तुत किया था। Satoshi Nakamoto ने सरकार द्वारा चलाये जाने वाले फाइनेंसियल और बैंकिंग सिस्टम की खामियों को भी दिखाया था की कैसे सरकार अपने मन से फ़िएट मनी यानि पेपर मनी के मूल्य को ऊपर नीचे करती रहती है। पेपर मनी यानी वह पैसा जो हम और आप अपनी जेब में लेकर घूमते हैं या बैंकों में सहेज कर रखते हैं जिसकी कीमत बाजार के द्वारा तय की जाती है पर सरकार कभी कभार ज्यादा पैसा छाप कर इसकी कीमत को ऊपर नीचे करती रहती है। 

आसान भाषा में कहें तो जैसे आज से 10 साल पहले आप 1000 रुपये से जो भी खरीद पाते थे आज वो आपको 5000 रुपये में भी आसानी से नहीं मिलता। यानि समय के साथ रुपये या डॉलर जैसे पेपर मनी की कीमत घटती रहती है।

Satoshi चाहते थे की एक ऐसी करेंसी बनाई जाए जिसकी कीमत बाजार द्वारा तय की जाए न की सरकार द्वारा और सरकार को इसका मूल्य निर्धारण यानि इसके प्राइस को कण्ट्रोल न करने दिया जाए। यानि ऐसा पैसा जो सोने की तरह काम करता है। सोने की कीमत सरकार तय नहीं करती बल्कि बाजार तय करता है। 10 gram सोना समय के साथ अपने आप अपनी कीमत बढ़ता रहता है। लेकिन पेपर मनी की कीमत इस रफ़्तार से नहीं बढ़ती है। 

सातोशी चाहते थे की एक ऐसी ही करेंसी बनाई जाए जिसकी कीमत बाजार तय करे न की सरकार और उन्होंने ऐसा करने के लिए एक नया सिस्टम भी बनाने की बात की थी। 

इस पेपर के बाद सातोशी और उनकी टीम ने इस प्रकार का एक सिस्टम भी तैयार किया गया और इसके एप्लीकेशन को भी बनाया गया जिसमें पहले Bitcoin को तैयार किया गया था। सातोशी के पेपर में इस सिस्टम को बनाने की पूरी जानकारी दी गयी थी और सिस्टम सही में फुल प्रूफ था जिसमे किसी के हस्तक्षेप की गुंजाइश न के बराबर थी।  यानी सरकार इसे बैंकों की तरह कंट्रोल नहीं कर सकती थी। आज भी आपको मिलने वाला इंटरेस्ट रेट कितना होगा वो सरकार तय करती है। 

यदि आप पैसा एक देश से दूसरे देश भी भेजते हैं तो भी आपको एक फीस भेजने वाले बैंक को देना पड़ता है। एक्सचेंज रेट क्या होगा वह भी आपका बैंक या पैसा भेजने वाला बैंक तय करता है। Bitcoin में आपको सरकार को हर जगह इस तरह का कमीशन या टैक्स देने की आवश्यकता नहीं थी। यही कारण था की भारत सहित दुनिया की सभी सरकारों को यह सिस्टम पसंद नहीं आया था। 

लेकिन सरकारों के हस्तक्षेप के बाद भी बिटकॉइन का एडॉप्शन बढ़ता हीं गया और आज आप इसका इस्तेमाल कर के घर बार से लेकर गाड़ी या कोई भी सामान खरीद सकते हैं। इसमें आप पैसा लगा कर अपने पैसो को एक इन्वेस्टमेंट या बैंक की तरह बढ़ा भी सकते हैं। लेकिन सरकारों को क्यों पसंद नहीं आता है Bitcoin यह समझने के लिए आपको हम इसके काम करने के तरीके को समझते हैं। 

Bitcoin कैसे काम करता है कैसे किया जाता है लेन देन 

Bitcoin की बात करें तो इसको बनाने वाले Satoshi Nakamoto ने पहले हीं तय कर दिया है की दुनिया में कुल कितने Bitcoin बनाये जाएंगे, उन्होंने इसकी लिमिट 2 करोड़ 10 लाख Bitcoin तय की है यानि इतने Bitcoin बन जाने के बाद और Bitcoin नहीं बनाये जा सकेंगे। 

एक Bitcoin की कीमत क्या होगी उसको उन्होंने ने बाजार पर छोड़ दिया था यानि यदि ज्यादा से ज्यादा लोग बिटकॉइन को अपना लेते हैं तो इसकी कीमत अपने आप बढ़ते जाएगी। Bitcoin के शुरुआती दिनों में सातोशी ने लगभग 11 लाख bitcoin अपने लिए रख लिए थे और बाकी जनता के लिए छोड़ दिए थे। उस समय एक बिटकॉइन के लिए लोग केवल कुछ सेंट्स देने के लिए तैयार थे। यानी एक बिटकॉइन की कीमत 5 भारतीय रुपये से भी कम  थी।   

लेकिन आज केवल सातोशी नाकामोतो के bitcoins की हीं बात करें तो वो अकेले 47 बिलियन डॉलर के आस पास हैं। लोगों में आज बिटकॉइन का क्रेज इतना बढ़ गया है की एक बिटकॉइन के लिए आपको 50 लाख से भी ज्यादा की कीमत चुकानी पड़ेगी।

बिटकॉइन में ऐसा क्या है की लोग इसके लिए इतनी कीमत चुकाने को तैयार हैं। जैसे हमने आपको पहले बताया था की दुनिया के किसी भी करेंसी की कीमत उस देश की सरकार और अर्थव्यवस्था तय करती है। लेकिन बिटकॉइन में ऐसा नहीं होता इसकी कीमत जनता तय करती है। लेकिन यदि सरकार या कोई बैंक Bitcoin पर नज़र नहीं रखती तो इसमें होने वाली धोखाधड़ी या फ्रॉड पर कौन नज़र रखता है। 

इस समस्या से निपटने के लिए बिटकॉइन ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का प्रयोग करता है। जैसे एक बैंक आपके अकाउंट में आने वाले हर पैसे और आपके अकाउंट से जाने वाले प्रत्येक अमाउंट का हिसाब रखता है वैसे हीं बिटकॉइन से होने वाले हर ट्रांजेक्शन की जानकारी को भी डिजिटली सेव कर लिया जाता है। 

लेकिन असल दुनिया में एक बैंक आपके अकाउंट की हर जानकारी को सेव कर के रखता है और जरूरत पड़ने पर उसे सरकार के साथ या दूसरे बैंक के साथ भी शेयर करता है। लेकिन बिटकॉइन के मामले में ऐसा कौन करता है, यह सवाल आपके दिमाग में जरूर आ रहा होगा। आइये हम इसे एक उदाहरण की सहायता से समझते हैं की बिटकॉइन के हर ट्रांजेक्शन पर क्या होता है।

मान लीजिये की आपको बिटकॉइन खरीदना है। इसके लिए पहले आप एक बिटकॉइन वॉलेट बनाएंगे। बिटकॉइन वॉलेट बनाने के लिए आपको केवल एक सॉफ्टवेयर डाउनलोड करना होता है जिसे आप अपने फ़ोन या कंप्यूटर दोनों पर रख सकते हैं। सॉफ्टवेयर में आपका वॉलेट तैयार हो जाने के बाद आपको इसमें बिटकॉइन डालना होता है। इस वॉलेट को आप चाहें तो एक पेन ड्राइव में भी रख सकते हैं। वॉलेट बनाने के बाद आपका पहला सवाल होगा की आपको बिटकॉइन कौन देगा। 

बिटकॉइन आप किसी व्यक्ति से खरीद सकते हैं जिसके पास यह पहले से मौजूद है। वह व्यक्ति आपके वॉलेट के एड्रेस पर बिटकॉइन भेजेगा। आपके वॉलेट का एक डिजिटल एड्रेस होता है जिसका इस्तेमाल कर कर आपके वॉलेट पर बिटकॉइन भेजा जा सकता है।

लेकिन उस बिटकॉइन के बदले उस व्यक्ति को आपको असली पैसे चुकाने होंगे। क्योंकि 1 Bitcoin की कीमत आज की तारीख में 55 लाख के आस पास है जाहिर सी बात है की आप इतने पैसे खर्च कर के १ बिटकॉइन नहीं लेना चाहेंगे। 

लेकिन यदि आप 5500 रुपये खर्च करें तो आपको 0.001 बिटकॉइन यानि एक बिटकॉइन के एक हज़ारवां हिस्सा मिलेगा जिसे आप अपने वॉलेट में रख सकेंगे। आप इस बिटकॉइन का इस्तेमाल करके या तो कुछ खरीदें या इस बिटकॉइन को बदलकर पेपर मनी या असल पैसे भी ले सकते हैं। इसके साथ साथ जैसे जैसे बिटकॉइन की  बढ़ेगी आपके वॉलेट में रखा बिटकॉइन भी महंगा होता रहेगा। 

लेकिन मान लीजिये की, आपने किसी व्यक्ति को बिटकॉइन भेजे ताकि वो आपको असली पैसे दे सके। परन्तु वो व्यक्ति सीधा मुकर जाये और आपको ये कहे की उसको आपके द्वारा भेजे गए बिटकॉइन नहीं मिले हैं। फिर आप क्या करेंगे, आप किसके पास गुहार लगाने जाएंगे। क्योंकि बिटकॉइन को सरकार कण्ट्रोल नहीं करती इसलिए वो भी आपकी मदद नहीं कर पायेगी। फिर ऐसे में क्या बिटकॉइन का उपयोग करना सेफ होगा। 

जी हाँ आपको इस तरह की समस्या कभी नहीं आएगी क्योंकि बिटकॉइन में होने वाला हर ट्रांसक्शन एक नहीं बल्कि करोड़ों कम्प्यूटरों के हार्ड डिस्क पर रिकॉर्ड कर दिया जाता है। बिटकॉइन के नेटवर्क में करोड़ों कंप्यूटर चलते रहते हैं जो हर ट्रांसक्शन की जानकारी रखते हैं। 

इन सभी कम्प्यूटरों को माईनर्स   कहा जाता है। और ट्रांजैक्शन का हिसाब रखने के लिए इनको बिटकॉइन भी मिलता है। यानि हर बिटकॉइन ट्रांसक्शन की जानकारी एक नहीं बल्कि करोड़ों लोगों को बता दी जाती है। 

यानि किस वॉलेट से बिटकॉइन निकल कर किस वॉलेट में गया है यह पूरी दुनिया जान जाती है। परन्तु आप यह भी सोच रहे होंगे की ऐसे में आपका नाम या पता पूरी दुनिया जान जाती होगी तो आपको बता दें की ऐसा नहीं है। केवल आपके वॉलेट के पब्लिक key को हीं शेयर किया जाता है और आपके बारे में कोई जानकारी किसी के साथ शेयर नहीं की जाती। 

और तो और बिटकॉइन ट्रांजेक्शन में कोई बिचौलिए नहीं होते इसलिए आपको कोई कमीशन या किसी तरह का टैक्स भी नहीं देना होता है। यही कारण है की सरकारों को बिटकॉइन का सिस्टम सही नहीं लगता।  उन्हें लगता है की इसका इस्तेमाल करके गैर सामाजिक तत्त्व आसानी से इंटरनेट पर लेनदेन कर सकेंगे और सरकार को उनको ढूंढना भी मुश्किल हो जायेगा और देखा जाये तो इस बात में दम भी है। 

लेकिन यदि Bitcoin के दूसरे पक्ष को देखें तो सरकार अपनी मर्जी से इसकी कीमत में बढ़ोतरी या गिरावट नहीं कर सकती है। यही कारण है की बिटकॉइन की कीमत इतनी ऊपर नीचे होती रहती है। यदि ज्यादा लोग इसको खरीदने लगते हैं तो इसका भाव आसमान छूने लगता है और यदि इसको सहेज कर रखने वाले लोग इसे बेचने लगते हैं तो भाव धड़ाम से नीचे भी गिर जाते हैं। 

परन्तु यदि आज से पांच साल पहले के भाव और आज के भाव को देखें तो आपको पता चलेगा की बिटकॉइन में निवेश करने वाले लोग कितने फायदे में रहे हैं। आज यदि आप एक बिटकॉइन के भी मालिक हैं तो आप आसानी से उसके लिए 50 लाख रुपये मांग सकते हैं। 

इसके साथ हीं बिटकॉइन अकेला क्रिप्टो करेंसी नहीं है। इसकी सफलता को देख कर बाकी दूसरे कॉइन भी बाजार में आ चुके हैं जैसे Ethereum, Tether, BNB आदि। इन सभी कॉइन्स के काम करने का तरीका भी बिटकॉइन जैसा हीं है परन्तु इनकी मांग इतनी नहीं है इसलिए अभी आपको ये काम कीमत पर मिलेंगे। 1 Ethereum कॉइन के लिए अभी आपको लगभग ३ लाख रुपये लगाने होंगे।

भविष्य में इन सभी कोइन्स की कीमत क्या रहेगी इसका अंदाज़ा आप और हम तो नहीं लगा सकते पर फिलहाल इनकी कीमत ऊपर हीं जाती नज़र आ रही है। लेकिन हाँ कभी कभी इनकी कीमत में भारी गिरावट भी होती है एयर 1 Bitcoin की कीमत 55 लाख से सीधे 40 लाख पर भी आ जाती है। यदि आप इस तरह के उतार चढ़ाव का अंदाज़ा लगा सकते है और इसके लिए तैयार हैं तो बिटकॉइन आपके लिए अच्छा इन्वेस्टमेंट साबित हो सकता है।